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शहजादे के चाचा ने द्रौपदी मुर्मू जी को अफ्रीकी मान लिया है’, सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी बोले- मैं गुस्से में हूं*


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दिनभर की ख़बर
शहजादे के चाचा ने द्रौपदी मुर्मू जी को अफ्रीकी मान लिया है’, सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी बोले- मैं गुस्से में हूं*
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे गुस्सा नहीं आता लेकिन आज शहजादे की फिलॉस्फर चाचा ने इतनी बड़ी गाली दी है जिसने मुझे गुस्से से भर दिया। कोई मुझे बताइए क्या मेरे देश में चमड़ी के रंग के आधार पर लोगों की योग्यता तय होती है? संविधान सर पर लेकर के नाचने वाले लोग चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं।राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में यह लोग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को हराना चाहते थे, क्योंकि उनकी ‘त्वचा का रंग काला है।’ पीएम मोदी ने पूछा, क्या मेरे देश में लोगों की क्षमता त्वचा के रंग के आधार पर तय की जाएगी? ‘शहजादा’ को त्वचा के रंग के इस खेल की अनुमति किसने दी?’बता दें कि यह सारा विवाद सैम पित्रोदा की कथित टिप्पणी ‘भारत में पूर्व के लोग चीनियों जैसे दिखते हैं, जबकि दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं’, की वह से खड़ा हुआ।


✒️ *अखिलेश ने कहा कि 400 पार का नारा देने वालों की भाषा बदल गई; भाजपा को बताया झूठ का शहंशाह*
शाहजहांपुर में सपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा करते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि झूठ के शहंशाह भाजपा वालों के खिलाफ मतदान कर इनका सफाया कर देना।शाहजहांपुर में सपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 400 पार का नारा देने वालों की भाषा ही बदल गई है। आजकल बड़ी-बड़ी होर्डिंग में डबल इंजन की सरकार का एक इंजन ही गायब हो गया है।भाजपा वालों ने पहले ही स्वीकार कर लिया कि खटारा इंजन को बदल देना है। शाहजहांपुर के बरेली मोड़ स्थित मैदान में सपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा करने आए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि झूठ के शहंशाह भाजपा वालों के खिलाफ मतदान कर इनका सफाया कर देना।

✒️ *गरजे मुख्यमंत्री योगी: कहा- रामभक्तों पर गोली चलाने वाले कहते हैं अयोध्या में राम मंदिर बेकार बना*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को शाहजहांपुर पहुंचे। उन्होंने कांट के रामलीला मैदान में लोकसभा चुनाव व ददरौल उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।शाहजहांपुर के कांट स्थित रामलीला मैदान में आयोजित चुनावी सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव नया इतिहास बनाने को उतावला दिख रहा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के चेहरे से उड़ी हुई हवा से स्पष्ट है कि चुनाव के आधे समर में उन्होंने हार स्वीकार कर ली है। इनकी हार शाश्वत सत्य है। योगी ने कहा कि हमारा इतिहास गवाह है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न रहा हो, अगर रामद्रोही है तो उसका पतन सुनिश्चित हुआ है। रामभक्त हनुमान भी देवत्व की स्थिति में पहुंचकर लोकपूज्य हो गए। उन्होंने कहा कि यह चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच आ गया है।

✒️ *गुलामी के निशान होंगे समाप्त, अकबरपुर का नाम लेने में भी होता है संकोच’, कांग्रेस और सपा पर सीएम योगी का हमला*
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकबरपुर का नाम ही ऐसा है कि बार बार बोलने में संकोच लगता है। ये सब बदल जाएगा। हमें गुलामी के निशानों को समाप्त और विरासत का सम्मान करना है। इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ना है। इसके लिए जो अभियान देश में शुरू हुआ है उसमें हमें भी एक वोट के साथ सहभागी बनना है।विपक्षी दलों के बयानों को पढ़ने से स्पष्ट हो चुका है कि ये चुनाव रामभक्त और रामद्रोहियों के बीच में हैं। जो रामभक्त हैं वही राष्ट्रभक्त भी हैं। सीएम योगी यहां घाटमपुर स्थित पतारा रेलवे स्टेशन मैदान में आयोजित अकबरपुर लोकसभा सीट के लिए विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह भोले के पक्ष में जनता से वोट की अपील की।मुख्यमंत्री ने कहा कि अकबरपुर का नाम ही ऐसा है कि बार बार बोलने में संकोच लगता है। ये सब बदल जाएगा। हमें गुलामी के निशानों को समाप्त और विरासत का सम्मान करना है। इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ना है। इसके लिए जो अभियान देश में शुरू हुआ है, उसमें हमें भी एक वोट के साथ सहभागी बनना है।

✒️ *भारत की आबादी में 6 पर्सेंट घट गए हिंदू, मुस्लिमों की बढ़ी संख्या*
सरकारी पैनल ने की 65 साल की स्टडी भारत में 1950 से 2015 तक 65 सालों के अंतराल में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में देश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी में 6 पर्सेंट की गिरावट आ गई है। यही नहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे दूसरे देशों की तुलना करें तो वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों की आबादी में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। स्टडी के अनुसार एक तरफ भारत में हिंदुओं की हिस्सेदारी घट गई है तो वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिमों, मों ईसाई, बौद्ध और सिखों की आबादी में इजाफा हुआ। वहीं हिंदुओं के अलावा जैन और पारसियों की भी आबादी में हिस्सेदारी इस अवधि में घटी है। स्टडी के अनुसार इस अवधि में आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 5 फीसदी बढ़ी है,इसके अलावा ईसाइयों की हिस्सेदारी में 5.38 पर्सेंट, सिखों की 6.58 पर्सेंट बढ़ी है। यही नहीं बौद्धों की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार 1950 में भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी। अब देश की जनसंख्या में हिंदू 78 फीसदी हैं। मुसलमान 65 साल पहले भारत की आबादी के 9.84 फीसदी थे, जो अब बढ़कर 14.09 पर्सेंट हो गए हैं। म्यांमार के बाद भारत अपने आसपास के देशों में दूसरे नंबर पर है, जिसके बहुसंख्यक समाज की आबादी में कमी आई है। म्यांमार में इस अवधि में बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय की आबादी में हिस्सेदारी 10 फीसदी तक कम हुई है। वहीं भारत में हिंदुओं की आबादी में हिस्सेदारी 7.8 पर्सेंट घट गई है। भारत और म्यांमार के अलावा नेपाल की भी ऐसी ही स्थिति है। नेपाल में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में हिस्सेदारी 3.6 फीसदी कम हो गई है। पीएम की आर्थिक सलाहकार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुल 167 देशों का अध्ययन किया है। स्टडी में कहा गया है कि दुनिया के ट्रेंड को देखते हुए भारत में एक स्थिरता पाई गई है। स्टडी का कहना है कि भारत में अल्पसंख्यकों को न सिर्फ संरक्षण प्राप्त है बल्कि उनकी जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।

✒️ *मुस्लिमों को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं, हीं हाइकोर्ट ने क्यों दिया आदेश*
अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत लिव-इन रिलेशनशिप का मिला संवैधानिक अधिकार तब लागू नहीं होता, जब रीति-रिवाज और प्रथाएं दो व्यक्तियों के बीच ऐसे संबंधों को प्रतिबंधित करती हैं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में अपने एक अहम फैसले में कहा है कि इस्लाम धर्म को मानने वाला कोई भी शख्स लिवइन रिलेशनशिप में रहने का दावा नहीं कर सकता है। खासकर तब, जब पहले से उसकी कोई जीवित जीवनसंगिनी हो। कोर्ट ने कहा कि मुसलमान जिस रीति-रिवाज को मानते हैं, वह उन्हें लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं देता है। जस्टिस अताउर्रहमान मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने कहा कि जब किसी नागरिक के वैवाहिक स्थिति की व्याख्या पर्सनल लॉ और संवैधानिक अधिकारों यानी दोनों कानूनों के तहत की जाती है, तब धार्मिक रीति-रिवाजों को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज एवं प्रथाएं और संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त कानून जिन्हें सक्षम विधानमंडल द्वारा बनाया गया है, दोनों के स्रोत समान रहे हैं। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा, “एक बार जब हमारे संविधान के ढांचे के भीतर रीति-रिवाजों और प्रथाओं को वैध कानून के रूप में मान्यता मिल जाती है, तब ऐसे कानून भी उचित मामले में लागू होते हैं।” अपने आदेश में अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत लिव-इन रिलेशनशिप का मिला संवैधानिक अधिकार तब लागू नहीं होता, जब रीति-रिवाज और प्रथाएं दो व्यक्तियों के बीच ऐसे संबंधों को प्रतिबंधित करती हैं। हाई कोर्ट ने कहा, “इस्लाम में आस्था रखने वाला कोई भी व्यक्ति लिव-इन रिलेशनशिप के अधिकार का दावा नहीं कर सकता, खासकर तब जब उसका कोई जीवनसाथी जीवित हो।”

✒️ *आकाश पर लगी बसपा की ‘बंदिश’… लोगों ने बताया लंबी रेस का घोड़ा, मायावती को खरी-खोटी सुना रहा बहुजन समाज*
मायावती के इस फैसले की इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने आलोचना की है। मंगलवार को इस संबंध में मायावती द्वारा एक्स पर किए गए पोस्ट में यह प्रतिक्रिया देखने को मिली,मायावती की बुधवार को हरदोई में हुई रैली के यूट्यूब पर हो रहे प्रसारण के दौरान भी लोगों ने इस संबंध में तीखे कमेंट लिखे और आकाश आनंद को वापस लाने की मांग की।मायावती के इस फैसले की इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने आलोचना की है। मंगलवार को इस संबंध में मायावती द्वारा एक्स पर किए गए पोस्ट में यह प्रतिक्रिया देखने को मिली। मायावती की बुधवार को हरदोई में हुई रैली के यूट्यूब पर हो रहे प्रसारण के दौरान भी लोगों ने इस संबंध में तीखे कमेंट लिखे और आकाश आनंद को वापस लाने की मांग की।

✒️ *वित्तीय वर्ष 2023-24 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति योजनान्तर्गत समय सारणी जारी*
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी रजनीश कुमार पाण्डेय ने अवगत कराया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति योजनान्तर्गत विश्वविधालय द्वारा मास्टर फीस लॉक करने के उपरान्त पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में फीस एवं सीट शून्य प्रदर्शित होने के कारण शासन द्वारा विश्वविद्यालय, एफिलियेटिंग एजेन्सी, जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा शिक्षण संस्थान का सीट वेरिफिकेशन, फीस सत्यापन की कार्यवाही पूर्ण कर उन्हें वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उपलब्ध बजट की सीमा के अन्तर्गत रहते हुये नियमानुसार छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में समय सारणी जारी की गयी है। पाण्डेय ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि 08 मई से 13 मई तक विश्वविद्यालय, एफिलियेटिंग एजेन्सी द्वारा वास्ताविक छात्रों का सत्यापन व अपात्र छात्र, पाठ्यक्रम व संस्था को ब्लाक करने के साथ ही सम्बन्धित विश्वविद्यालय एवं एफिलियेटिंग एजेन्सी द्वारा संस्था की मान्यता, पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम का वर्ष एवं अध्ययनरत वर्गवार वास्तविक छात्र संख्या की प्रमाणिकता को डिजिटल हस्ताक्षर से ऑनलाइन सत्यापित करना एवं अपात्र छात्रों, पाठ्यक्रमों, संस्था को ब्लाक किया जाएगा। 08 मई से 14 मई तक जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा फीस का सत्यापन किया जाएगा जिसके तहत प्रदेश के अन्दर सम्बन्धित विश्वविद्यालय, एफिलियेटिंग एजेन्सी के नोडल अधिकारी द्वारा भरी गयी फीस को अथवा स्वयं फीस अंकित कर डिजिटल हस्ताक्षर से ऑनलाइन सत्यापित करके लॉक किया जाएगा। 16 मई तक राज्य एन0आई0सी0 द्वारा परीक्षणोंपरान्त डाटा जनपदीय लॉगिन पर उपलब्ध कराया जाएगा। 16 मई से 22 मई तक जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति द्वारा डाटा लॉक किया जाएगा। 24 मई तक राज्य एन0आई0सी0 द्वारा मांग सृजित कर निदेशालय की लॉगिन पर डिमाण्ड उपलब्ध कराई जाएगी। 31 मई तक निदेशालय स्तर से धनराशि अन्तरण की कार्यवाही की जाएगी।

✒️ *बिना लाइसेंस के ओटीसी दवाओं की बिक्री की अनुमति देने का प्रस्ताव गंभीर चिंता का विषय*
ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) की बैठक पिछले दिनों नेपाल के लिम्बुनी शहर में आयोजित हुई जिसमें भारत में बिना लाइसेंस के ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं की बिक्री की अनुमति देने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर गहरी चिंता व्यक्त की है।देश के स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, भारत के औषधि महानियंत्रक, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) के अध्यक्ष और अन्य संबंधित अधिकारियों को सौंपे गए एक विस्तृत ज्ञापन में, AIOCD ने इस प्रस्ताव से जुड़े महत्वपूर्ण जोखिमों पर प्रकाश डाला है।AIOCD के अध्यक्ष, जेएस शिंदे और महासचिव, राजीव सिंघल ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का कदम मौजूदा दवा कानूनों, फार्मेसी विनियमों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों सहित प्रासंगिक कानूनी ढांचे का उल्लंघन करेगा।ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष दिवाकर सिंह ने कहा उचित विनियमन के बिना ओटीसी दवा बिक्री की अनुमति देने से गंभीर खतरे पैदा होते हैं,ओसीडी यूपी के महामंत्री सुधीर अग्रवाल ने सरकार से इस प्रस्ताव के बहुआयामी निहितार्थों पर विचार करने का आग्रह करता है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि सामान्य और किराने की दुकानों में दवाओं की अनियमित उपलब्धता समाज के सर्वोत्तम हितों की पूर्ति नहीं करती है।देश भर में 12.40 लाख केमिस्टों की सदस्यता के साथ, AIOCD स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी उपाय का दृढ़ता से विरोध करता है। संगठन इस मामले से संबंधित विनियमों के निर्माण में AIOCD सहित सभी प्रासंगिक हितधारकों से परामर्श करने के महत्व पर जोर देता है,ज़िला अलीगढ़ कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एससोसिएशन के अध्यक्ष व प्रदेश संगठन मंत्री शैलेन्द्र सिंह टिल्लू ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से से तय हुआ कि पूरे देश के प्रदेश, जिला तहसील, ब्लॉक स्तर पर रणनीति बना कर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपे जाएंगे किसी भी सूरत में जनता व कैमिस्ट का अहित नही होने दिया जाएगा

✒️ *UPMSRA ने मनाया अपना 42 वां स्थापना दिवस*
अलीगढ़ आज 8 मई को शहीद ब्रह्मानंद त्यागी स्मारक भवन पान दरीबा,स्थित UPMSRA संगठन के कार्यालय पर उत्तर प्रदेश एवम उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रिजेंटेटिव ऐसोसिएशन का 42 वां स्थापना दिवस, केक काटकर बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रिजेंटेटिव एसोशिएशन अलीगढ़ इकाई अध्यक्ष वीरेंद्र धूसिया ने कहा कि आज के ही दिन 8 मई 1982 को लखनऊ में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रिजेंटेटिव ऐसोसिएशन की स्थापना की गई थी। तब से लेकर आज तक दवा प्रतिनिधियों एवं मजदूरों के हक़ के लिए संगठन आवाज़ उठा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बलवीर सिंह, विनोद कुमार गौतम, मोहित शर्मा, शहनोज़ अहमद, महेंद्र पाल सिंह, आशीष माहेश्वरी, रोहित कुमार गौतम, जय नारायण सिंह, वीरेंद्र धूसिया आदि दवा प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

✒️ *कमजोर शुरुआत के बाद बाजार में सपाट क्लोजिंग; सेसेक्स 19 अंक टूटा, निफ्टी 22300 के करीब*
हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 45.46 अंक टूटकर 73,466.39 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 22,302.50 पर सपाट बंद हुआ। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान भारत फोर्ज के शेयरों में 15% की बढ़त दिखी।घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को सपाट क्लोजिंग हुई। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 45.46 अंक टूटकर 73,466.39 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 22,302.50 पर सपाट बंद हुआ। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान भारत फोर्ज के शेयरों में 15% की बढ़त दिखी। दूसरी ओर, एशियन पेंट्स के शेयर दो प्रतिशत तक टूट गए

✒️ *नस्लवादी टिप्पणी पर घिरे सैम पित्रोदा का इस्तीफा, छोड़ा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष पद*
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नस्लवादी टिप्पणी करने के बाद से वह विपक्ष के निशाने पर थे। कांग्रेस पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया था।

✒️ *स्नातक में प्रवेश को अभी तक 1154 वेब रजिस्ट्रेशन*
अलीगढ़ राजा महेंद्र प्रताप राज्य विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश के वेब रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए है। विवि कुल सचिव डॉ. महेश कुमार ने बताया कि बीए, बीएससी, बीसीए और स्नातक के अन्य विषयों में बुधवार शाम तक कुल 1154 वेब रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। वेब रजिस्ट्रेशन की तारीख 31 मई रखी गई है। ताकि समय पर सेशन को संचालित किया जा सके। वहीं जल्द ही पीजी कक्षाओं में वेब रजिस्ट्रेशन के लिए तारीखी की घोषणा की जाएगी।

✒️ *प्रोफेसर बीडी खान विभागाध्यक्ष नियुक्त*
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय यूनानी चिकित्सा संकाय के मोआलेजात विभाग के प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान, को तीन साल की अवधि के लिए मोआलेजात विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रो खान अजमल खान तिब्बिया कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल और चिकित्सा अधीक्षक और यूनानी चिकित्सा अनुसंधान एएमयू में रासायनिक अनुसंधान इकाई के निदेशक भी हैं। वह एस.एस हाल साउथ के प्रोवोस्ट भी रह चुके हैं, और 21 वर्षों से अधिक के शिक्षण करियर के साथ, उन्होंने 7 पुस्तकें लिखी हैं और राष्ट्रीय और उनके अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की पत्रिकाओं में 107 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।

✒️ *एमएम हॉल इंटर हॉल फुटबॉल टूर्नामेंट विजेता बना*
मोहसिनुल मुल्क हॉल (एम.एम. हॉल) ने इंटर-हॉल फुटबॉल टूर्नामेंट 2023-24 के फाइनल में एनआरएससी को टाई-ब्रेकर मुकाबले में 4-2 से हराकर इंटर-हॉल फुटबॉल विजेता का खिताब हासिल कर लिया है। यह मैच यूनिवर्सिटी फुटबॉल ग्राउंड, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर खेला गया। निर्धारित समय की समाप्ति पर दोनों टीमें शून्य पर रहीं। अंत में इस का फैसला पेनल्टी शाूटआउट से हुआ हुआ और एमएम हॉल की टीम यह मैच 4-2 से मैच जीत लिया। एमएम हॉल के लिए नादिर केएम, फहीम, साकिब खान और राशिक के ने एक एक गोल किया जबकि एनआरएससी के लिए इबाद और हामिद ने एक-एक गोल किया।पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि एएमयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज, मानद अतिथि प्राचार्य एके तिब्बिया कॉलेज, प्रोफेसर बीडी खान, निदेशक यूजीसी एचआरडीसी डॉ. फायज़ा अब्बासी, निदेशक आईटी एवं जिला सूचना अधिकारी, अलीगढ़ नसीम अहमद और प्रोफेसर मोहम्मद परवेज ने विजेता और उपविजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए। प्रोफेसर गुलरेज ने सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास में ऐसी गतिविधियों के महत्व पर जोर देते हुए छात्रों से ऐसे आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। फुटबॉल क्लब के अध्यक्ष मोहम्मद अनस ने अतिथियों का स्वागत किया और कप्तान दानिश खानाने धन्यवाद ज्ञापित किया। मैच का संचालन फुटबॉल कोच एस तुफैल उर रहमान, महजूर, इनाम खान और मुंतजिर ने किया।

✒️ *क्लाइंट परामर्श प्रतियोगिता आयोजित की गई*
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा दो दिवसीय क्लाइंट परामर्श प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें छात्रों की 27 टीमों ने भाग लिया। अपने उद्घाटन भाषण में विधि संकाय के डीन प्रो. एम.जेड.एम. नोमानी ने कहा कि ‘क्लाइंट काउंसलिंग प्रतियोगिता‘ बार काउंसिल ऑफ इंडिया की क्लिनिकल लीगल एजुकेशन का एक अभिन्न अंग है, जिसका उद्देश्य लॉ ऑफिस और सॉलिसिटर फर्म प्रबंधन के साथ-साथ छात्रों में वकालत के कौशल विकसित करना है।शिक्षक-प्रेक्टिशनर जकीउद्दीन खैरूवाला ने कहा कि इस अनूठे आयोजन में आपराधिक कानून और अपकृत्य, अनुबंध कानून, पारिवारिक कानून, बौद्धिक संपदा कानून, पर्यावरण कानून और अंतरराष्ट्रीय कानून सहित विभिन्न विशिष्टताओं से संबंधित छात्रों के बीच काफी उत्साह देखा गया। मध्यस्थता और विवाद समाधान सोसायटी की सचिव हुजैफा असलम ने ‘मुकदमेबाजी की जटिलताओं वाले छात्रों द्वारा वकील कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार की गई क्लाइंट समस्या‘ पर प्रकाश डाला।

✒️ *एएमयू के प्रोफेसर असद यू खान को जीपीएस द्वारा उच्च रैंक के विद्वानों में चुना गया*
प्रोफेसर असद यू खान, इंटरडिसिप्लिनरी बायोटेक्नोलॉजी यूनिट, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने वैश्विक स्तर पर माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में 39वीं रैंक हासिल की हैैै। उनका चयन जीपीएस स्काॅलर द्वारा किया गया है, जो दुनिया का सबसे व्यापक स्कॉलरली एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म है उन्हें तीन भारतीय उच्च रैंक वाले विद्वान‘ के रूप में भी पहचाना गया। जीपीएस स्काॅलर द्वारा माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में दुनिया के 67 विद्वानों को सूचीबद्ध किया गया है उच्च रैंक वाले विद्वान सबसे अधिक उत्पादक (प्रकाशनों की संख्या) लेखक होते हैं जिनकी रचनाएँ गहरा प्रभाव (उद्धरण) और अत्यंत गुणवत्ता (एच-इंडेक्स) वाली होती हैं।स्कॉलरजीपीएस उच्च रैंक वाले विद्वानों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाने वाला डेटा जीवनकाल या पिछले पांच वर्षों की गतिविधि पर आधारित होता है, प्रत्येक प्रकाशन और कई लेखकों द्वारा उद्धरण को महत्व दिया जाता है। इस रैंकिंग अध्ययन में निष्क्रिय, मृत और सेवानिवृत्त विद्वानों को भी शामिल किया गया है। प्रोफेसर खान को रोगाणुरोधी प्रतिरोध के क्षेत्र में उनके असाधारण काम के लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगठनों द्वारा पुरस्कार और सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है।

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